सतनाम का भेद - श्री गुरु ग्रंथ साहिब


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श्री गुरु ग्रंथ साहिब, प्राण संगली, जनम सखी भाई वाले वाली में से सतनाम का  तथा गुरु नानक देव जी के गुरु के बारे में तत्वज्ञान। 

Yajur Veda


 

FAQs : "सतनाम का भेद - श्री गुरु ग्रंथ साहिब

Q.1 श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री नानक देव जी ने किस गुप्त मंत्र की बात की थी?

श्री गुरु नानक देव जी को सर्वशक्तिमान कबीर साहेब सतलोक से आकर स्वयं मिले थे। फिर उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी को सतनाम मंत्र प्रदान किया था। साथ ही परमात्मा ने श्री नानक जी को यह भी कहा था कि इस मंत्र को अभी गुप्त रखना क्योंकि कलयुग में इस मंत्र को केवल तत्वदर्शी संत ही प्रदान करेगा। वर्तमान में वह तत्वदर्शी कोई और नहीं बल्कि संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

Q.2 श्री गुरु नानक देव जी ने ब्रह्मांड के बारे में क्या बताया था?

श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी पवित्र बाणी में बताया था कि इस ब्रह्मांड की रचना केवल सर्वशक्तिमान ईश्वर कबीर साहेब जी ने की थी।

Q. 3 सतनाम वाहेगुरु का क्या अर्थ है?

सतनाम वाहेगुरु शब्द श्री नानक देव जी ने तब कहे थे जब वह कबीर साहेब जी से काशी में मिले थे। उसके बाद कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी को सतनाम मंत्र प्रदान किया था। तथा श्री नानक जी ने कबीर साहेब जी से सतनाम मंत्र प्राप्त करने के बाद उत्साह में सतनाम वाहेगुरु कहा था। इसका मतलब है कि मुझे सतनाम उसी भगवान से मिला है, जो सचखंड यानि कि सतलोक में भी है (वाहेगुरु शब्द का प्रयोग श्री नानक जी ने कबीर साहेब जी के लिए किया था )।

Q.4 सिख धर्म को मानने वाले लोग सत श्री अकाल कहते हैं, इसका अर्थ क्या है?

सत श्री अकाल उस सर्वशक्तिमान कबीर साहेब जी को याद करने का ही नाम है। सत का अर्थ है सत्य और श्री अकाल का अर्थ है अमर भगवान। इसके अन्य पर्यायवाची शब्द हैं सत् साहेब, सत्पुरुष, सत्यपुरुष आदि।

Q.5 क्या श्री गुरु नानक देव जी हिंदू थे?

श्री नानक देव का जन्म विक्रमी संवत् 1526 (सन् 1469) कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को हिन्दू परिवार में श्री कालु राम मेहत्ता (खत्री) के घर माता श्रीमति तृप्ता देवी की पवित्र कोख (गर्भ) से पश्चिमी पाकिस्त्तान के जिला लाहौर के तलवंडी नामक गाँव में हुआ। कबीर साहेब से नामदीक्षा लेने के बाद श्री नानक देव जी ने केवल मानवता के धर्म को सबसे ऊपर माना। फिर श्री नानक जी ने परमेश्वर कबीर साहेब जी के बताए मार्ग का प्रचार किया था।

Q.6 क्या सिख सतनाम का जाप करते हैं?

सिखों ने सतनाम का गलत अर्थ किया हुआ है। सतनाम एक गुप्त मंत्र की ओर संकेत है। सतनाम मंत्र को केवल तत्वदर्शी संत ही बता सकते हैं और वह संत रामपाल जी महाराज जी के अलावा कोई नहीं है।

Q.7 मूल मंत्र किसने लिखा था?

मूल मंत्र मोक्ष मंत्र हैं जो सर्वशक्तिमान कबीर परमेश्वर द्वारा लिखे गए हैं।

Q.8 क्या श्री गुरु नानक देव जी राम में विश्वास करते थे?

श्री नानक देव जी आदि राम को मानते थे जो संपूर्ण ब्रह्मांड के रचयिता हैं। यही आदि राम श्री गुरु नानक देव जी के गुरु भी थे। वह आदि राम यानि कि पूर्ण परमेश्वर कोई और नहीं बल्कि स्वयं कबीर साहेब जी हैं।

Q.9 श्री गुरु नानक देव जी तीन दिन के लिए गायब क्यों हो गए थे?

परमेश्वर कबीर जी श्री नानक जी को मिलने सतलोक से चलकर आए थे। फिर श्री नानक जी की आत्मा को परमात्मा कबीर जी ने सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया था। उसके बाद परमात्मा कबीर जी श्री गुरु नानक देव जी की आत्मा को सतलोक यानि कि सचखंड लेकर गए थे और सतलोक में श्री नानक जी को तीन दिनों तक रखा था। यही कारण था कि श्री नानक जी तीन दिन के लिए गायब हो गए थे और उनके शरीर को परमेश्वर ने छिपा कर सुरक्षित रख दिया था।

Q.10 क्या श्री गुरु नानक देव जी पैगम्बर थे?

श्री नानक देव जी भगवान कबीर जी के सत् ज्ञान उनकी शिक्षाओं के दूत थे न कि कोई पैगंबर। कबीर परमेश्वर द्वारा बताई गई भक्ति विधि करने से उन्हें कुछ अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त हो गई थीं जिसके कारण वे एक पैगम्बर लगते थे।लेकिन वे परमात्मा की विशेष प्रिय आत्मा और उनके भक्त थे।


 

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Ishu Randhawa

सच्चे मोक्ष मंत्र कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

Satlok Ashram

सच्चे मोक्ष मंत्र देने का आधिकारी केवल तत्वदर्शी संत होता है। वर्तमान में वह तत्वदर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी हैं। केवल संत रामपाल महाराज जी शास्त्र अनुकूल साधना और मोक्ष मंत्र प्रदान कर रहे हैं।

Gurvinder Singh

सतनाम मंत्र का क्या महत्व है?

Satlok Ashram

सतनाम मंत्र ब्रह्म काल के क्षेत्र से हमें मोक्ष दिला सकता है। उसके बाद अक्षर पुरुष के क्षेत्र को पार करके सतलोक आता है जोकि अमरलोक है। सतनाम बहुत अधिक शक्तिशाली मंत्र है और मोक्ष की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Chitra Sahani

श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी बाणी में सतनाम का जिक्र किया है। यह सतनाम क्या है?

Satlok Ashram

सतनाम सच्चा मंत्र (जोकि सांकेतिक है) है। सतनाम के जाप से ही साधकों को इस ब्रह्म काल के जाल से मुक्ति मिल सकती है। श्री गुरु नानक देव जी को भी परमेश्वर कबीर जी ने यही मोक्ष मंत्र प्रदान किया था। सतनाम मंत्र का प्रमाण पवित्र श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 17 श्लोक 23 और श्री नानक देव जी की पवित्र वाणी में भी है.