गुरु नानक देव जी अपने गुरु कबीर साहिब की महिमा गाते हुए - कबीर सागर


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अमृतवाणी कबीर सागर (अगम निगम बोध, बोध सागर से) पृष्ठ नं. 44

।।नानक वचन।।

।।शब्द।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।।
नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।

विशेष विवेचन:- बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।


 

FAQs : "गुरु नानक देव जी अपने गुरु कबीर साहिब की महिमा गाते हुए - कबीर सागर"

Q.1 कबीर साहेब जी का ईश्वर के बारे में क्या कहना था?

कबीर साहेब जी स्वयं परमेश्वर हैं। वह स्वयं को छिपाए रखकर साधारण मानव, संत, जिंदा बाबा, तत्वदर्शी संत के रूप में आकर तत्वज्ञान का प्रचार करते हैं। कबीर साहेब जी ने हमेशा सर्वशक्तिमान एक प्रभु की महिमा बताई है। उनका कहना था कि लोगों को अलग-अलग धर्मों में बांटकर अलग-अलग भगवानों की पूजा करने की बजाय एकजुट होकर केवल एक पूर्ण परमेश्वर की पूजा करनी चाहिए।

Q.2 कबीर साहेब जी का ज्ञान कैसा है?

कबीर साहेब जी का ज्ञान बिल्कुल सरल है। कबीर परमेश्वर हमें जागरूक करना चाहते हैं कि हम काल के पिंजरे में कैद हैं।हमारे जीवन का मुख्य उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है न कि इस संसार में ही जन्मते मरते रहना। मानव जीवन के मुख्य उद्देश्य को पहचानने के लिए हमें तत्वदर्शी संत की खोज करनी चाहिए।

Q. 3 श्री गुरु नानक देव जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में कबीर साहेब जी के बारे में क्या बताया है?

सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के बाद श्री गुरु नानक देव जी ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी में परमेश्वर कबीर की पहचान बताई है। श्री नानक जी ने कबीर साहेब को ब्रह्मांड के निर्माता के रुप में बताया है।उन्होंने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी के पृष्ठ 721 पर भी यही बताया है कि कबीर साहेब ही सर्वशक्तिमान परमात्मा हैं।

Q.4 वेदों में किसे एकमात्र भगवान बताया गया है?

हमारे सभी पवित्र ग्रंथों और वेदों में इस बात का प्रमाण है कि कबीर साहेब जी ही एकमात्र भगवान हैं। पवित्र ऋग्वेद मंडल 9- सूक्त 1 मंत्र 8-9, सूक्त 82 मंत्र 1-2-3, सूक्त 96 मंत्र 16-20 और कई अन्य स्थानों पर भी यह प्रमाण मिलता है कि सर्वोच्च भगवान कबीर साहेब जी हैं क्योंकि उनमें वह सभी गुण विद्यमान हैं जो पूर्ण परमेश्वर में होते हैं और जिसकी तलाश में मनुष्य रहता है।

Q.5 वेदों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कौन है?

वेदों के अनुसार कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा हैं। पवित्र ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 8-9, सूक्त 96 मंत्र 18-20, पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 40 मंत्र 8, अध्याय 29 मंत्र 25 और सैकड़ों स्थानों पर भी यही प्रमाण है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं।

Q.6 वेदों में प्रथम ईश्वर कौन है?

पवित्र वेद गवाही देते हैं कि सर्वोच्च भगवान कबीर साहेब जी हैं। इतना ही नहीं केवल वही पूर्ण परमेश्वर हैं। कबीर साहेब जी ने ही अपनी शब्द शक्ति से पूरे ब्रह्मांड की रचना की थी। पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8, अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 29 मंत्र 25, पवित्र सामवेद, सांख्य 1400, सांख्य 359, अध्याय 4 खंड 5 श्लोक 8 में भी यही प्रमाण है कि कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमात्मा हैं।

Q.7 वेदों में काल के बारे में क्या वर्णन मिलता है?

पवित्र वेदों में वर्णन है कि कबीर परमेश्वर ही ब्रह्मांड के निर्माता हैं और इसमें ब्रह्म काल का भी ज़िक्र है। ब्रह्म काल यहां का शैतान है और अपने भोजन के लिए हमें मार रहा है, खा रहा है। हम यहां ब्रह्म काल के लोक के पिंजरे में फसे हुए हैं। काल के जाल से मुक्ति दिलाने में तत्वदर्शी संत अहम भूमिका निभाते हैं।

Q.8 श्री गुरु नानक देव जी किस ज्ञान से प्रेरित थे?

श्री गुरु नानक देव जी अपने गुरु कबीर साहेब जी द्वारा दिए गए सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान से प्रेरित थे।

Q.9 सिख धर्म में सर्वोच्च भगवान कौन है?

सिख धर्म में ही नहीं बल्कि सभी धर्मों में कबीर साहेब जी ही सर्वोच्च भगवान हैं। इसका प्रमाण श्री गुरु नानक देव जी ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी के पृष्ठ 721 पर बताया है। केवल कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं जो श्री नानक देव जी को सच्चखंड लेकर गए थे। कबीर साहेब जी ने ही श्री नानक जी को मोक्ष के वास्तविक मंत्र प्रदान किए थे

Q.10 श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार भगवान कौन है?

पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में सर्वोच्च सर्वशक्तिमान ईश्वर की पहचान बताई गई है। जिसका वर्णन पृष्ठ 721 पर किया गया है। कबीर साहेब जी ने वर्ष 1398 में काशी में 120 वर्ष रहकर धानक जुलाहे की लीला की और मगहर से सशरीर अपने निज स्थान सतलोक की ओर गमन किया।


 

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Tajinder Kaur

आज के समय में सच्चा गुरु कौन है जो हमें ईश्वर प्राप्ति का सही मार्ग बता सकता है?

Satlok Ashram

वर्तमान में केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी सतगुरु हैं जो शास्त्रानुकूल सतभक्ति प्रदान कर रहे हैं। केवल उन्हीं की बताई साधना करने से मनुष्य को मोक्ष और ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। सर्वशक्तिमान कबीर परमेश्वर स्वयं सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण करने के लिए इस पृथ्वी लोक में अवतरित होते हैं। कबीर साहेब जी वही गुरु हैं जिन्होंने श्री गुरु नानक देव जी को मोक्ष प्रदान किया था। फिर उनकी महिमा श्री नानक जी की अमृतवाणी में कबीर सागर अध्याय स्वसंवेद बोध, बोध सागर के पृष्ठ 44 अगम निगम बोध में भी लिपिबद्ध है।

Karan Razdaan

सिख धर्म में गुरु को इतना महत्त्वपूर्ण क्यों बताया गया है?

Satlok Ashram

श्री गुरु नानक देव जी को सर्वशक्तिमान कबीर परमेश्वर जी की बताई साधना करने से मोक्ष प्राप्त हुआ था। कबीर साहेब ने ही गुरु के रूप में आकर श्री नानक जी को सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष प्रदान किया था। श्री नानक जी ने कबीर साहेब की महिमा का वर्णन श्री गुरु ग्रंथ साहिब में किया है। श्री नानक जी की बात मानते हुए सारा सिख समाज गुरु को महत्व देता है क्योंकि गुरु ही हमें सही भक्ति मार्ग और ईश्वर प्राप्ति का सही रास्ता भी बताते हैं।

Roshni Sahu

श्री गुरु नानक देव जी ने गुरु के बारे में क्या कहा था?

Satlok Ashram

श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी पवित्र बाणी में गुरु की कलमतोड़ महिमा की है। इस का वर्णन श्री नानक जी की अमृतवाणी पृष्ठ 44 पर कबीर सागर अध्याय के अगम निगम बोध स्वसंवेद बोध में है। बोध सागर में भी यह प्रमाण है कि काशी में एक जुलाहे की भूमिका निभाने वाले कबीर परमेश्वर जी ही नानक जी के गुरु थे। कबीर साहेब जी ने ही उन्हें सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष प्रदान किया था।