पवित्र कुरान शरीफ़ से सहाभार ज्यों का त्यों लेख”
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत नं. 52 से 59
(इन आयत नं. 52 से 59 में विशेष प्रमाण है)
(कृप्या देखें पवित्र कुरान शरीफ से ज्यों का त्यों फोटो कापी लेख)
आयत 52:- फला तुतिअल् - काफिरन् व जहिद्हुम बिही जिहादन् कबीरा(कबीरन्)।52।
तो (ऐ पैग़म्बर !) तुम काफ़िरों का कहा न मानना और इस (र्क़ुआन की दलीलों) से उनका सामना बड़े जोर से करो। (52)
आयत नं. 52 का ऊपर अनुवाद किसी मुसलमान श्रद्धालु का किया हुआ है। तत्वज्ञान के अभाव से ग्रन्थ के वास्तविक अर्थ को प्रकट नहीं कर सका। वास्तव में इसका भावार्थ है कि हजरत मुहम्मद जी का खुदा (प्रभु) कह रहा है कि हे पैगम्बर ! आप काफिरों (जो एक प्रभु की भक्ति त्याग कर अन्य देवी-देवताओं तथा मूर्ति आदि की पूजा करते हैं) का कहा मत मानना, क्योंकि वे लोग कबीर को पूर्ण परमात्मा नहीं मानते। आप मेरे द्वारा दिए इस र्कुआन के ज्ञान के आधार पर अटल रहना कि कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए संघर्ष करना(लड़ना नहीं) अर्थात् अडिग रहना।
आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
और (ऐ पैग़म्बर ! ) उस जिन्दा (चैतन्य) पर भरोसा रखो जो कभी मरनेवाला नहीं और तारीफ़ के साथ उसकी पाकी बयान करते रहो और अपने बन्दों के गुनाहों से वह काफ़ी ख़बरदार है (58)
आयत संख्या 58 का ऊपर अनुवाद किसी मुसलमान भक्त का किया हुआ है जो वास्तविकता प्रकट करने में असमर्थ रहा है। वास्तव में इस आयत संख्या 58 का भावार्थ है कि हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है। तारीफ के साथ उसकी पाकी(पवित्र महिमा) का गुणगान किए जा, वह कबीर अल्लाह(कविर्देव) पूजा के योग्य है तथा अपने उपासकों के सर्व पापों को विनाश करने वाला है।
आयत 59:- अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि अर्रह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)।59।।
जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा (वह अल्लाह बड़ा) रहमान है, तो उसकी खबर किसी बाखबर (इल्मवाले) से पूछ देखो। (59)
आयत संख्या 59 का ऊपर वाला अनुवाद किसी मुसलमान श्रद्धालु का किया हुआ है जो पवित्र शास्त्र र्कुआन शरीफ के वास्तविक भावार्थ से कोसों दूर है। इसका वास्तविक भावार्थ है कि हजरत मुहम्मद को र्कुआन शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टी की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो(बैठ) गया।
उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति कैसे होगी ? तथा वास्तविक ज्ञान तो किसी तत्वदर्शी संत(बाखबर) से पूछो, मैं (कुर्रान ज्ञान दाता) नहीं जानता।
दोनों पवित्र धर्मों (ईसाई तथा मुसलमान) के पवित्र शास्त्रों ने भी मिल-जुल कर प्रमाणित कर दिया कि सर्व सृष्टी रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम कबीर है, उसी को अल्लाहु अकबिरू भी कहते हैं।
सुरत फुर्कानि 25 आयत 52 से 59 में लिखा है कि कबीर परमात्मा ने छः दिन में सृष्टी की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजा। जिस से परमात्मा साकार सिद्ध होता है।
FAQs : "पवित्र कुरान शरीफ में प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है का प्रमाण"
Q.1 क्या पवित्र कुरान में कबीर जी का ज़िक्र है?
जी हां, पवित्र कुरान शरीफ सूरह अल फुरकान 25 आयत 52 में कबीर साहेब जी को अल्लाह बताया गया है।
Q.2 पवित्र कुरान में अल्लाह कौन है?
पवित्र कुरान शरीफ में यह प्रमाण है कि कबीर साहेब ही अल्लाह हैं और उन्होंने ही छः दिन में सृष्टि की रचना की थी। पवित्र कुरान शरीफ सूरह अल फुरकान 25 आयत 52-59 में इसका प्रमाण है।
Q. 3 पवित्र कुरान में सबसे बड़ा अल्लाह कौन है?
पवित्र कुरान शरीफ में कबीर साहेब ही सबसे बड़े अल्लाह हैं। जो लगभग 600 साल पहले भारत के बनारस में आए थे और 120 साल तक इस पृथ्वी लोक में रहे। इसका प्रमाण पवित्र कुरान शरीफ सूरह अल फुरकान 25 आयत 52 में लिखा है।
Q.4 सूरह अल फुरकान 25 आयत 52 का क्या मतलब है?
इस आयत में पवित्र कुरान शरीफ का ज्ञानदाता कहता है कि तुम उन काफिरों पर विश्वास मत करो क्योंकि वे अल्लाह कबीर जी पर विश्वास नहीं करते। पवित्र कुरान शरीफ में दिए गए ज्ञान पर दृढ़ रहो और अल्लाह कबीर को प्राप्त करने का यत्न करो।
Q.5 हिंदू धर्म के अनुसार भगवान कौन है?
हिंदू धर्म के पवित्र शास्त्रों में इस बात का प्रमाण है कि कबीर साहेब ही सर्वोच्च भगवान हैं। पवित्र कुरान शरीफ में भी यही प्रमाण है कि कबीर साहेब ही अल्लाह हैं। अल्लाह कबीर और भगवान कबीर दोनों एक ही हैं, जिनकी खोज प्रत्येक व्यक्ति युगों से कर रहा है।
Q.6 हिंदू पौराणिक कथाओं में कबीर साहेब जी के बारे में क्या बताया गया है?
हिंदू पौराणिक कथाओं में कबीर साहेब जी को केवल एक कवि और संत ही बताया गया है। जबकि सच तो यह है कि वेदों और गीता जी जैसे पवित्र ग्रंथों में यही प्रमाण है कि कबीर साहेब ही एकमात्र भगवान हैं जो पूजा के योग्य हैं।
Q.7 पवित्र कुरान में कबीर शब्द या नाम का क्या अर्थ है?
पवित्र कुरान के अनुसार कबीर शब्द का अर्थ सबसे बड़ा है। परन्तु पवित्र कुरान शरीफ की आयतों के अनुवाद में कबीर शब्द का अनुवाद उसके अर्थ सहित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से अर्थ बदल जाते हैं। यह अल्लाहु अकबर का नाम है और यदि कबीर नाम का इसके अर्थ के साथ अनुवाद किया जाता है तो इसका अर्थ बदल जाता है।
Q.8 ईसाई धर्म में कबीर साहेब कौन हैं?
ईसाई धर्म के लोग यीशु को सर्वोच्च ईश्वर मानते हैं। लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि Iyov 36:5 - रूढ़िवादी यहूदी बाइबिल में यह प्रमाण है कि कबीर साहेब ही एकमात्र सर्वोच्च भगवान हैं।
Q.9 अल्लाह का पहला नाम क्या है?
पवित्र कुरान शरीफ सूरह अल फुरकान 25 आयत 52 के अनुसार अल्लाह का पहला नाम कबीर साहेब जी है।
Q.10 अल्लाह का पूरा नाम क्या है?
पवित्र कुरान शरीफ सूरह अल फुरकान 25 आयत 52 के अनुसार अल्लाह का पूरा नाम अल्लाह कबीर है।
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Mohd. Imran
हम केवल एक सर्वोच्च शक्ति यानी अल्लाह को मानते हैं। वह अल्लाह निराकार है। क्या यह सही है?
Satlok Ashram
नहीं। पवित्र कुरान शरीफ में सुरत फुर्कानि 25 आयत 52-59 में यह प्रमाण है कि अल्लाह मनुष्य सदृश्य है यानी नर आकार है (मनुष्य जैसा दिखाई देता है)। उसी अल्लाह कबीर जी ने सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की थी। आयत 52 में पवित्र कुरान का ज्ञानदाता पैगम्बर मुहम्मद को कहता है कि तुम काफिरों पर विश्वास मत करना और अल्लाह कबीर जी में विश्वास रखना।