परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता है।
परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।
बाइबल ने भी स्पष्ट किया है की प्रभु का नाम कबीर है।
अनुवाद कर्ताओ नें कबीर की जगह शक्तिशाली व सामर्थ वाला लिख दिया है। वास्तव में परमात्मा का नाम कबीर है। वेदो में, भगवद गीता में, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में और कुरान शरीफ में भी परमात्मा का नाम कबीर है।
पवित्र बाईबल में केवल परमेश्वर को ही सर्वोच्च कहा गया है और वह सर्वोच्च परमेश्वर केवल कबीर साहेब जी हैं। पवित्र बाईबल में यह स्पष्ट लिखा है कि कबीर साहेब ही भगवान हैं। पवित्र बाइबिल में Iyov 36:5 - रूढ़िवादी यहूदी बाइबिल (OJB) में इसका प्रमाण है। यह वही कबीर साहेब हैं जो लगभग 600 वर्ष पहले भारत के काशी उत्तर प्रदेश में आए थे।
यह एक पूर्णतया गलत धारणा है जिसमें ईसाई यीशु को ही सर्वोच्च ईश्वर मानते हैं। जबकि यह सच नहीं है क्योंकि ईसा मसीह को इस मृत्यु लोक में ब्रह्म काल के द्वारा विष्णु जी के लोक से भेजा गया था। उनके पास कुछ अलौकिक शक्तियां थीं फिर भी वह ईश्वर नहीं केवल ब्रह्म काल द्वारा पृथ्वी लोक पर भेजी गई एक विशेष आत्मा थे। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
मानव जीवन ही मनुष्य को परमात्मा का दिया सबसे बड़ा उपहार है। केवल मानव जीवन में ही मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सकता है और 84 लाख योनियों से मुक्ति पा सकता है। मानव जीवन के उद्देश्य की संपूर्ण जानकारी तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में जाकर प्राप्त की जा सकती है।
पूर्ण परमात्मा की भक्ति तत्वदर्शी संत ही बता सकता है। इसका वर्णन पवित्र गीता जी के अध्याय 4 श्लोक 34 में किया गया है। पवित्र गीता जी अध्याय 17 श्लोक 23 में भी कहा गया है कि मोक्ष का मंत्र ॐ-तत्-सत् (सांकेतिक) है। लेकिन यह मंत्र केवल तत्वदर्शी संत ही प्रदान कर सकता है। वर्तमान में वह तत्वदर्शी संत हरियाणा, भारत के हिसार, में संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
परमेश्वर कबीर जी ने इस सृष्टि की रचना की है। इसका प्रमाण पवित्र बाईबल में भी है। सृष्टि की रचना के बारे में सही-सही जानकारी कबीर साहेब जी ही बता सकते हैं क्योंकि कबीर परमेश्वर ही सृष्टिकर्ता हैं और इस समय पृथ्वी पर तत्वदर्शी संत रूप में आए हुए हैं।
मनुष्य जीवन 84 लाख प्रकार की योनियों के प्राणियों के जीवन से श्रेष्ठ है क्योंकि मनुष्य के पास सोचने, कार्य करने और अपनी बात कहने की शक्ति है और यह सब परमेश्वर कबीर जी की कृपा से ही है। सबसे बड़ी बात यह है कि केवल मनुष्य जन्म में ही मोक्ष आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
पवित्र बाइबिल में सबसे बड़ा रहस्य ईश्वर की पहचान बताई गई है। लेकिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग सोचते हैं कि ईश्वर निराकार है। जबकि उत्पत्ति 1:26 में यह स्पष्ट लिखा है कि ईश्वर ने मनुष्यों को अपने जैसा बनाया है और सोचने वाली बात यह है कि यदि मनुष्य साकार है तो ईश्वर भी साकार है।
पवित्र बाइबल में यीशु जी के परमेश्वर होने का कोई वर्णन नहीं है। यीशु जी सिर्फ ईश्वर के भेजे दूत थे, वह भगवान नहीं थे। फिर उन्होंने खुद को भी कभी भगवान नहीं माना था। लेकिन किसी में भी अलौकिक शक्तियां होने का मतलब यह नहीं होता कि वह भगवान है। पवित्र बाईबल और सभी पवित्र ग्रंथों के अनुसार 'कबीर जी ही भगवान हैं'.
पवित्र बाईबल में उत्पत्ति ग्रंथ 1:26 में ईश्वर को साकार बताया गया है। लेकिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग फिर भी यही सोचते हैं कि ईश्वर निराकार है जबकि यह धारणा बिल्कुल ग़लत है क्योंकि ईश्वर ने अपने जैसा शरीर मानव का बनाया है।
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Sam D'Souza
जब ईश्वर निराकार है तो सोचने की बात यह है कि फिर सब कुछ साकार रूप में कैसे है? वह शक्ति कौन है जो सभी ब्रह्मांडों को चला रही है?
Satlok Ashram
ईश्वर निराकार नहीं है बल्कि मनुष्य सदृश्य है। पवित्र बाईबल के उत्पत्ति ग्रंथ 1:26 में भी यही प्रमाण है कि ईश्वर साकार है और उन्होंने अपनी शब्द शक्ति से सृष्टि की रचना की थी और उन्हीं की शक्ति से ही सभी ब्रह्मांड चल रहे हैं। Iyov 36:5 - रूढ़िवादी यहूदी बाइबिल (अब) में भी यही प्रमाण है।