512 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 2025: जब भी विशाल समागमों व दिव्य भंडारों का विषय आता है, तब संत रामपाल जी महाराज जी व उनके अनुयायियों द्वारा बड़े ही हर्ष के साथ मनाएं गए समागमों व दिव्य भंडारों की चर्चा हमेशा जगत समाज में चर्चा का विषय बनी रहती है l ऐसा ही एक दिव्य धर्म भंडारा अभी नवंबर माह में आयोजित किया जा रहा है। जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी आज से 600 वर्ष पूर्व इस धरती पर प्रकट हुए तथा लोगों को सतभक्ति देकर अनेकों सुख प्रदान किए थे। तब परमेश्वर को हम जीवात्माओं के समक्ष स्वयं परमेश्वर सिद्ध करने के लिए अनेकों लीलाएं व चमत्कार करने पड़े। काशी नगर में तीन दिवसीय अखंड भंडारे (Divya Dharm Yagya Diwas) का आयोजन कर 18 लाख साधु-महात्माओं को चौबीसों घण्टे मोहन भोजन करवाया। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय अद्भुत भंडारे का आयोजन किया जा रहा है संपूर्ण जानकारी के लिए पढ़िए पूरा लेख।
512 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 2025: मुख्य बिंदू
- संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ की तैयारिया हो चुकी है प्रारंभ।
- तीन दिवसीय विशाल भंडारे के साथ नि:शुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक विवाह का भी किया गया आयोजन।
- देश के 11 सतलोक आश्रमों में दिनांक 4, 5 और 6 नवंबर की रोज लगेंगी श्रद्धालुओ की भीड़।
- संत गरीबदास जी महाराज जी की अमरवाणी का तीन दिवसीय होगा अखंड पाठ।
- 11 सतलोक आश्रमों में देशी घी डालकर तीन दिनों तक प्रज्वलित की जाएगी अखण्ड ज्योतl
कब है "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस (Divya Dharm Yagya Diwas 2025)"?
जब भी धार्मिक कार्यक्रमों और भंडारों के नाम सुने जाते हैं साधु- महात्माओं की आवाजाही की गूंज हमारे कानों में सुनाई पड़ती है। ऐसा ही एक अद्भुत कार्यक्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पावन सानिध्य में 4 नवंबर से 6 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इस विशाल धर्म भंडारे में तीन दिनों तक संत गरीबदास जी महाराज जी की अमरवाणी का अखंड पाठ व अखंड ज्योति यज्ञ किया जाएगा। जिसमें संपूर्ण विश्व को इस धर्म यज्ञ में सम्मिलित होने का न्यौता दिया गया हैं। इच्छुक श्रद्धालु अपने नजदीकी सतलोक आश्रम में उपस्थित होकर इस दिव्य धर्म यज्ञ का लाभ उठा सकते है। इस विशेष पर्व का लाइव प्रसारण स्पिरिचुअल लीडर संत रामपाल जी महाराज फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल के साथ साथ साधना और पॉपकॉर्न टीवी चैनल के माध्यम से भी किया जायेगा।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है और कब है?
विक्रमीं संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ•प्र•) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम(प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था।
किन–किन स्थानों पर आयोजित किया गया है दिव्य धर्म भंडारा?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी ने 18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन करा दिया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के दस सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है। निम्न आश्रमों में यह विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
1.सतलोक आश्रम धनाना धाम, सोनीपत (हरियाणा)
2.सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
3.सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
4.सतलोक आश्रम खमाणो (पंजाब)
5.सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब)
6.सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश)
7.सतलोक आश्रम शामली (उत्तरप्रदेश)
8.सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)
9.सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)
10.सतलोक आश्रम धनुषा, नेपाल
11.सतलोक आश्रम इंदौर (मध्यप्रदेश)
यह कार्यक्रम 4 नवंबर से प्रारंभ होकर 6 नवंबर 2025 तक तीन दिनों तक चलेगा। जिसके दौरान 24सो घंटे अखंड भंडारा व सदग्रंथ साहिब (अमर ग्रंथ) की वाणीयों का अखंड पाठ किया जाएगा।
क्या है दिव्य धर्म भंडारे की वास्तविक कथा?
कबीर परमेश्वर द्वारा काशी शहर में अद्भुत भंडारा कराना: आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी पवित्र काशी नगर में अवतरित हुए थे। तब दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजी कबीर जी से अत्यधिक ईर्ष्या करते थे। उन्होंने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा की कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर (स्वर्ण मुद्रा) व एक दोहर (कंबल) दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे।
संत रविदास जी ने कबीर साहेब जी को सभी वृतांत कह सुनाया और कहा की आपके नाम का निमंत्रण लेकर बाहर साधु संतो की भीड़ जमा होने लगी है। कबीर साहेब अंतर्यामी थे। वह अन्य केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानि सतलोक से नो लाख बोरी में भंडारा सामग्री बैलों पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
कुछ समय बाद कबीर साहेब, संत रविदास जी और सिकंदर लोधी भी भंडारे में आ गए। भंडारे में उपस्थित लोग आश्चर्यचकित रह गए की यह कबीर सेठ है जिसने इतना बड़ा धर्म भंडारा किया है। दोनो रूपो में उपस्थित परमात्मा ने सभी श्रद्धालुओं, संतो व भक्तो के समक्ष प्रश्न-उत्तर किए। तथा 24 घंटों तक सत्संग किया। वहा लाखो भक्तो ने तत्वज्ञान समझकर अपनी नक़ली साधना त्यागकर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी से नाम दीक्षा ली।
511 वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस की तैयारियां जोरों–शोरों से हो चुकी है प्रारंभ
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 4 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मिक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के दस सतलोक आश्रमों में तैयारिया जोरो शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l जिनकी व्यवस्था के लिए आश्रमों में तैयारी अभी से ही प्रारंभ कर दी गई है। समागम में उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने–पीने, नहाने–धोने, व रुकने की व्यवस्थाएं की जा रही है।
देशी घी से बने स्वादिष्ट मिष्ठानों का लगेगा भोग
इस दिव्य धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में आने वाले साधु महात्माओ के लिए खुला भंडारा आयोजित किया जाएगा। देश के दस आश्रमों में बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओं के लिए भंडारे में स्वादिष्ट भोजन बनाएं जायेंगे जिसे परमेश्वर को भोग लगाकर प्रशादी रुप में वितरित किया जायेगा। जो की देशी घी से निर्मित होंगे।
- लड्डू व जलेबी प्रसाद: 4 से 6 नवंबर तक चलने वाले इस दिव्य भंडारे में देशी घी से निर्मित लड्डू, जलेबी तैयार किए जाएंगे।
- हलवा प्रसाद: इस विशाल समागम में शामिल होने वाले संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाइयों व अन्य साधु महात्माओं के लिए विशेष शुद्ध देसी घी से निर्मित हलुआ प्रसाद वितरित किया जायेगा जो कि वहा के हलवाई सेवादारों द्वारा शुद्ध कढ़ाहो में शुद्ध घी से बनाया जाता है, जिस प्रसाद को प्राप्त करने हेतु श्रद्धालु बड़ी दूर- दूर से आकर समागम में सम्मिलित होते हैं।
दिव्य धर्म भंडारे में आयोजित किए जायेंगे अन्य विशेष कार्यक्रम
धार्मिक भंडारे के उपलक्ष्य में कुछ विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो इस प्रकार है:-
- विशाल सत्संग समारोह: देश-विदेश से आए श्रद्धालुओ के लिए इन आश्रमों में विशाल सत्संग पंडाल बने हैं। जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु बैठ सकतें हैं। इस दिव्य समागम में आए श्रद्धालुओ को प्रोजेक्टर के माध्यम से तीनों दिवस तक सत्संग वचनों का रसपान कराया जाएगा।
- नि:शुल्क नाम दीक्षा: सभी आश्रमों में सत्संग वचनों से प्रेरित होकर नाम दीक्षा लेने वाले श्रद्धालुओ के लिए नि:शुल्क नाम दीक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। सभी सतलोक आश्रमों में अलग से नाम दीक्षा केंद्र बनाए गए है जहां पर टीवी के माध्यम से श्रद्धालुओं को संत रामपाल जी महाराज जी से ऑनलाइन नाम दीक्षा दिलाई जाती है।
- सामूहिक दहेज मुक्त रमैणी विवाह कार्यक्रम: समाज में दहेज़ जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित आश्रमों में प्रतिवर्ष सामूहिक दहेज़ मुक्त रमैणी विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार 15 नवंबर को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें अमरग्रंथ साहिब से "असुर निकंदन रमैणी" के माध्यम से 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह संपन्न कराएं जायेंगे।
- रक्तदान शिविर (Blood Donation Camps): संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों द्वारा अनेकों समाज सुधारक कार्य भी किए जाते हैं। दिव्य धर्म यज्ञ के उपलक्ष्य में सभी आश्रमों में रक्तदान शिविर लगाया जायेगा। देखा गया है कि संत जी के अनुयाई समाज सेवा के नेक कार्यों में बढ़चढकर हिस्सा लेते है जिसको मद्देनजर रखते हुए संत रामपाल जी के अनुयायियो द्वारा इस समागम में सैकड़ों यूनिट रक्तदान करने की संभावना है।
समागम में आने वाले श्रद्धालुओ के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है?
इस दिव्य समागम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु की तादात रहेगी। उनके उठने बैठने व रहने खाने और दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आश्रमों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही है। बहनों व भाइयों के लिए उठने बैठने व आराम करने के लिए अलग अलग पंडालों की व्यवस्थाएं की जा रही है। इस दिव्य धर्म भंडारे में आने वाले साधकों के लिए शुद्ध पेयजल तथा नहाने व कपड़े धोने का पूरा प्रबंध किया गया है। साधक स्वयं सेवादारों के साथ मिलकर इन तैयारियों को करने में लगे हुए हैं।
- कंबल व रजाई की व्यवस्थाएं: जैसे की ठंड के सीजन को देखते हुए सभी आश्रमों में दूर से आए श्रद्धालुओ के लिए ओढ़ने- बिछाने हेतु विशेष कंबल व रजाई की व्यवस्थाएं की गई हैं । ताकि कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो सके।
- भंडारे की व्यवस्था: यह दिव्य धर्म भंडारा तीन दिनो तक चौबीसों घंटे चलेगा समागम में शामिल होने वाले साधु–महात्माओ के लिए मोहन भोजन की व्यवस्था रहेगी जिसमें शुद्ध देसी घी में बूंदी के लडडू, जलेबी, खीर, पूड़ी व हलवा प्रसाद वितरित किया जायेगा।
- पार्किंग व्यवस्था: इस विशाल दिव्य भंडारे में दूर स्थानों से आए श्रद्धालुओ के आवागमन के साधनों को पार्क करने की विशेष व्यवथा की गई हैं। कई एकड़ों में फैले पार्किंग स्थलों में टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, और बस आदि को पार्क करने की भी व्यवस्थाएं की गई है।
- जूता घर की व्यवस्था: दूर स्थानों से आए श्रद्धालुओ के लिए जूता चप्पल रखने के लिए अलग से जूता घर की व्यवस्था की जा रही है। जूता घर में किसी के जूते–चप्पल गुम न हो जाए और इसलिए टोकन की व्यवस्था भी की जा रही है।
पाठक जनों से निवेदन है इस महादिव्य भंडारे में सम्मिलित होकर आप भी सतज्ञान रूपी सत्संग वचनों का लाभ उठाए तथा अपने मित्रों, परिवारजनों, रिश्तेदारों को भी इस दिव्य धर्म भंडारे की जानकारी अधिक से अधिक साझा किजिए। इस दिव्य धर्म कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj” YouTube Channel, और Facebook Page को लाईक, Subscribe किजिए तथा अधिक जानकारी के लिए Google Play Store से “Sant Rampal Ji Maharaj App” अवश्य डाऊनलोड करें।
FAQ about Divya Dharm Yagya Diwas (दिव्य धर्म यज्ञ दिवस)
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर जी द्वारा केशव बंजारे के रूप में आकर काशी बनारस में 3 दिनों तक लगातार 18 लाख साधु–संतों को भोजन भंडारा करवाने की लीला की तरह जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा पूरे भारत वर्ष में यह दिवस मनाया जाता है जिसके दौरान तीन दिनों तक अखंड भंडारा आयोजित किया जाता है।
कौन थे केशव बंजारा?
कबीर परमेश्वर स्वयं केशव बंजारे का रूप बनाकर अपने निजधाम सतलोक से आए थे।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस कहां कहां मनाया जा रहा है?
यह समागम संत रामपाल जी महाराज जी के कुल 11 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर क्या किया जाता है?
इस पावन अवसर पर कुल 11 सतलोक आश्रमों में दिनांक: 4, 5, और 6 नवंबर 2025 की रोज परमेश्वर कबीर साहेब जी के पांचवे वेद "सूक्ष्म वेद" का तीन दिवसीय अखंड पाठ, संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस कब है?
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 4, 5, और 6 नवंबर 2025 को मनाया जायेगा।