निश्चित ही लेख का शीर्षक पढ़कर आप व्यथित हो सकते हैं लेकिन हम इसे प्रमाण आधार से आपके सामने प्रस्तुत करेंगे ताकि आपको सत्य ज्ञान हो सके और यह अनमोल मानव जीवन अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकें।
सामान्यतया परमेश्वर की संपूर्ण जानकारी रखने वाले पुराण का मंथन जिसमें सभी भगवानों की स्थिति और उनके ज्ञान के आधार को भी समझना संभव हो जाता है असल मे किसी भी धर्मगुरु के बस की बात नहीं, जब तक वह पूर्ण परमेश्वर का कृपा पात्र तत्वदर्शी संत नहीं होता। जैसा कि श्रीमद्भगवद्गीता मे बताया गया है कि तत्वदर्शी संत ही वेद पुराणों का ज्ञाता होता है और उसी आधार पर पूर्ण परमेश्वर की जानकारी बताता है। वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने वेद पुराण और अन्य सभी धर्म ग्रंथों को उंगली रखकर पढ़ाया और सभी भगवानों की स्थिति के साथ उनके ज्ञान के बारे में केवल बताया ही नहीं प्रमाणित करके दिखाया है कि त्रिदेवों को यानी ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी को कोई आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है। आज इस लेख मे इसी बात का निर्णय श्रीमद् देवी भागवत पुराण आधार से करेंगे।
ब्रह्मा जी के प्रश्न और विष्णु जी का ज्ञान
गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित, श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार और चिमन लाल गोस्वामी द्वारा संपादित की गई श्रीमद् देवी भागवत पुराण के स्कंद १, पृष्ठ २८-२९ का जो विवरणात्मक वर्णन किया गया है वो आपके समक्ष है ।
अनुवाद: स्कंद १, पृष्ठ २८-२९ मे नारदजी व्यास जी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं और कहते हैं कि यही प्रश्न मेरे पिता ब्रह्मा जी ने विष्णु जी से किया था।
विष्णु जी को ध्यान में बैठे देख ब्रह्मा जी चकित हो गए और इसीलिए ब्रह्माजी ने विष्णुजी से पूछा, "आप देवताओं में सबसे महान हैं, फिर आप ध्यान क्यों लगा रहे हैं? ब्रह्मा जी ने कहा कि "मैं वास्तव में आपको अर्थात "दुनिया के शासक" को, ध्यान में देखकर चकित हूं।
इसका उत्तर विष्णु जी ने श्रीमद् देवी भागवत पुराण, के स्कंद १, पृष्ठ २९ मे दिया है।
विष्णु जी कहते हैं "मुझे हर तरह से शक्ति के वश में रहना होगा, मुझे लगातार उन भगवती शक्ति का ध्यान रहता है, ब्रह्मा जी, "मेरी जानकारी में इस भगवती शक्ति से श्रेष्ठ कोई दूसरा भगवान नहीं है।"
अत: प्रमाणों से स्पष्ट, ध्यान देने योग्य अत्यंत महत्वपूर्ण बात जो प्रत्यक्ष हुई कि यहा सतोगुण देव विष्णु जी के कथन है कि मुझे जानकारी नही कि भगवती शक्ति मां दुर्गा के सिवाय कोई अन्य भगवान हैं जबकी श्रीमद् देवी भागवत पुराण के स्कंद 7, पृष्ठ 562 मे देवी द्वारा हिमालय राज को ज्ञान उपदेश मे देवी दुर्गा के कथन है कि प्रकाश रूप "क्षर ब्रह्म" ही पूजा के योग्य है उसे ही एकमात्र परमात्मा जानो दूसरी सब पूजा को छोड़ दो, और "क्षर ब्रह्म" गीता जी के अध्याय 18 श्लोक 62 में स्वयं कहता है कि तू सर्वभाव भाव से उस परमेश्वर की शरण में जा जहां जाने के बाद कभी जन्म मृत्यु नहीं होता उसकी जानकारी तत्वदर्शी संत ही दे सकते हैं।
अर्थात स्पष्ट हुआ कि भगवान विष्णु को कोई आध्यात्मिक ज्ञान नहीं, परमेश्वर की कोई जानकारी नहीं ।
सार:
दुर्गा पुराण से उपर्युक्त पंक्तियाँ ब्रह्मा के ज्ञान का प्रारूप देती हैं, जो कि विष्णु को परमात्मा मानते हैं, जबकि विष्णु जी दुर्गा (शक्ति) को परम मानते हैं। इसलिए, ब्रह्मा के अनुसार, विष्णु परमात्मा हैं,
और विष्णु के अनुसार, दुर्गा जी परमात्मा हैं और दुर्गा जी अक्षर ब्रह्म को परमात्मा मानती हैं और अक्षर ब्रह्म कहता है कि उस परमेश्वर की जानकारी तत्वदर्शी संत ही दे सकते हैं।
उपरोक्त प्रमाण को देखते हुए निर्णय लेना बेहद आसान है कि तत्वदर्शी संत ही प्रमाणित ज्ञान और सही भक्ति विधि को बता सकता है क्योंकि संपूर्ण परमेश्वर की जानकारी उसी के पास है। जैसा कि धर्मग्रंथ कहते हैं जो वर्तमान में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज रूप में हमारे बीच मौजूद है।
इन प्रमाणों का मिलान आप जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के द्वारा दिये जाने वाले सत्संग के माध्यम से भी कर सकते हैं।
अतः निवेदन है अपने शिक्षित होने का वास्तविक लाभ उठाते हुए सभी प्रमाणों का मिलान करें जिससे सच्चे भगवान की जानकारी प्राप्त हो।
क्योंकि
वेद का कतेब झूठे नहीं भाई।
झूठे हैं जो समझे नाहीं।।
FAQs : "परमेश्वर के बारे में विष्णु जी को कोई आध्यात्मिक ज्ञान नही - दुर्गा पुराण"
Q.1 क्या विष्णु जी सर्वोच्च ईश्वर हैं?
यह सच नहीं है। ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शिव जी तीनों देवता जन्म मृत्यु के चक्र में हैं। इससे यह बात भी स्पष्ट है कि इन तीनों में से कोई भी संपूर्ण ईश्वर नहीं है। गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार और चिमन लाल गोस्वामी द्वारा संपादित श्रीमद् देवी भागवत पुराण स्कंद 3, अध्याय 5, पृष्ठ नंबर 123 में भी यही प्रमाण है।
Q.2 विष्णु जी किन कार्यों को संभालते हैं?
श्री ब्रह्मा जी, विष्णु जी और महेश तीनों देवता हमें केवल हमारे भाग्य के हिसाब से दे सकते हैं। यह तीनों स्वर्ग, नरक और पृथ्वी लोक के कार्यों को संभालते हैं।
Q. 3 क्या विष्णु जी पूजनीय देवता हैं?
विष्णु जी हमारे लिए आदरणीय देवता हैं परंतु पूजनीय नहीं हैं। विष्णु जी की उत्पत्ति जानने के लिए आप पुस्तक ज्ञान गंगा अवश्य पढ़ें।
Q.4 विष्णु जी के पिता कौन हैं?
ब्रह्म काल विष्णु जी के पिता हैं। इसका वर्णन पवित्र गीता जी अध्याय 14 श्लोक 3 से 5 में किया गया है
Q.5 शिव जी और विष्णु जी में से सबसे अधिक शक्तिशाली कौन देवता है?
इनमें दोनों में से कोई भी सर्वशक्तिमान नहीं है। लेकिन शिव जी का जीवनकाल विष्णु जी से 7 गुना अधिक है।
Q.6 सर्वोच्च ईश्वर कौन है?
कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा हैं। इस का प्रमाण हमारे सभी धर्म शास्त्रों में लिखित है। केवल कबीर साहेब ही संपूर्ण ईश्वर हैं और कबीर जी ने ही सभी ब्रह्मांडों की रचना की है। कबीर साहेब जी ही सर्व सृष्टि पालनकर्त्ता हैं। पवित्र गीता जी अध्याय 8 श्लोक 3 और श्लोक 8 से 10 में भी यही प्रमाण है।
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Shankar Singh
देवी दुर्गा जी और विष्णु जी में से कौन पूर्ण परमेश्वर है?
Satlok Ashram
श्रीमद् देवी भागवत पुराण में यह स्पष्ट लिखा है कि भगवान विष्णु जी को हर प्रकार से शक्ति (दुर्गा जी) के आधीन रहना पड़ता है। देवी दुर्गा विष्णु जी की मां हैं। इसमें यह भी लिखा है कि देवी दुर्गा से श्रेष्ठ कोई भी देवता नहीं है। लेकिन यह एक गलत धारणा है क्योंकि पवित्र वेदों में यह प्रमाण है कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी हैं। गीता जी में भी यही प्रमाण है कि न तो विष्णु जी और न ही दुर्गा जी सर्वोच्च ईश्वर हैं। सर्वशक्तिमान ईश्वर तो केवल कबीर साहेब जी हैं जो सर्व सृष्टिकर्ता हैं और देवी दुर्गा के पिता हैं।