यह वीडियो संत रामपाल जी महाराज और हमारे देश के मुख्य शंकराचार्य के मध्य हुई आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा का है जिसमें संत रामपाल जी महाराज ने श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 का प्रमाण दिया हैं और बताया कि शास्त्र के अनुसार भक्ति करना ही मोक्षदायक है। सभी शंकराचार्य अपने इष्ट देव श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी, श्री शंकर जी को पूर्ण परमात्मा मानते हैं वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज ने वेदों के तर्क से बताया है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
शंकराचार्यों का मत हैं कि ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शंकर जी अजर - अमर है, इनकी जन्म -मृत्यु नहीं होती लेकिन यह नाशवान है। शंकराचार्यों का मानना है कि परमात्मा निराकार है उसके विपरीत संत रामपाल जी महाराज ने यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3 का प्रमाण देकर बताया कि परमात्मा साकार है व सशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)।
शंकराचार्य ने यह भी मान रखा है कि पूर्व जन्म के पाप कर्म आपको भोगने पड़ेंगे जबकि संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित कर रहे हैं कि परमेश्वर कबीर जी (कविर्देव) घोर से घोर पाप को भी समाप्त कर देते है। जब पाप समाप्त होगा तो दुःख भी समाप्त हो जायेगा।
संत रामपालजी और मुख्य शंकराचार्यों के बीच हुई इस आध्यात्मिक चर्चा ने सनातन धर्म के पुनरुत्थान के महत्व को स्थापित किया। इस चर्चा से यह बात भी स्पष्ट हुई कि भगवान की प्राप्ति के लिए शास्त्रों के अनुसार पूजा करना आवश्यक है। देखें और जानें सही पूजा और मंत्रो को इस वीडियो के माध्यम से।
FAQs : "आध्यात्मिक चर्चा - संत रामपाल जी बनाम भारत के चार मठों के शंकराचार्य - 2012"
Q.1 शंकराचार्यों और संत रामपाल जी महाराज जी की शिक्षाओं में क्या भिन्नता है?
शंकराचार्य अद्वैत वेदांत के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। वे अद्वैत प्रकृति और आत्मा को सर्वोच्च मानते हैं। वे श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री शिव जी को अमर मानते हैं। इसके अलावा वे ईश्वर और आत्मा की एकता पर ज़ोर देते हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी ने हमारे पवित्र शास्त्रों से इसका मिलान करके खंडन किया है। उन्होंने हमारे पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित किया है कि श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री शिव जी सदाशिव और दुर्गा जी के पुत्र हैं और नाशवान हैं।
Q.2 संत रामपाल जी महाराज जी ने श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री शिव जी के बारे में अपनी शिक्षाओं में क्या प्रमाण दिए हैं
संत रामपाल जी महाराज जी ने श्रीमद देवी भागवत महापुराण के तीसरा स्कंद, पृष्ठ 123 से प्रमाणित किया है कि त्रिदेव अमर नहीं हैं। इसमें श्री विष्णु जी अपनी माता दुर्गा जी की स्तुति करते हुए कहते हैं कि श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री शंकर जी भी जन्म और मृत्यु के चक्र में हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि त्रिदेवों के अमर होने की अवधारणा गलत है।
Q. 3 संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार सर्वोच्च ईश्वर कौन है। इस बात को उन्होंने कैसे प्रमाणित किया है?
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया है कि वेदों में भी यही प्रमाण है कि कबीर साहेब जी पूर्ण परमेश्वर हैं। कबीर साहेब जी प्रत्येक युग में आते हैं और वे मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते। वे कुंवारी गाय का दूध पीते हैं और अच्छी आत्माओं को मिलते हैं और उन्हें ज्ञान उपदेश देते हैं। ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 “शिशुम् न त्वा जेन्यम् वर्धयन्ती माता विभर्ति सचनस्यमाना धनोः अधि प्रवता यासि हर्यन् जिगीषसे पशुरिव अवसृष्टः।।
Q.4 वेदों में सर्वोच्च ईश्वर के द्वारा कुंवारी गाय के दूध पीने के बारे में क्या बताया गया है?
वेदों में यह प्रमाण है कि सर्वोच्च ईश्वर कबीर साहेब जी का पोषण कुंवारी गाय का दूध पीकर होता है। इसका प्रमाण ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में मिलता है। “अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।।
Q.5 संत रामपाल जी महाराज जी अपनी शिक्षाओं को जनता तक किस तरह पहुंचाते हैं?
संत रामपाल जी महाराज जी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में से प्रमाणों को दिखाते हैं और सत्संग द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। वे आध्यात्मिक ज्ञान को प्रमाण सहित बताते हैं।
Recent Comments
Latest Comments by users
यदि उपरोक्त सामग्री के संबंध में आपके कोई प्रश्न या सुझावहैं, तो कृपया हमें [email protected] पर ईमेल करें, हम इसे प्रमाण के साथ हल करने का प्रयास करेंगे।
Shradha Sharma
यह बात मेरी समझ से परे है कि कुछ लोग कबीर साहेब जी को ईश्वर क्यों मानते हैं। जबकि वे श्री विष्णु जी के भक्त थे और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन उन्हें सर्वोच्च भगवान नहीं मानता क्योंकि श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री शिव जी उनसे ऊपर भगवान हैं।
Satlok Ashram
श्रद्धा जी, आप जी ने हमारे लेख को पढ़कर अपने विचार व्यक्त किए, उसके लिए आप जी का आभार। सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों में यह प्रमाण है कि कबीर जुलाहा ही सर्वोच्च भगवान है क्योंकि उनके सभी गुण हमारे पवित्र वेदों में वर्णित ईश्वर के गुणों से मेल खाते हैं। कबीर साहेब ही वो भगवान हैं जिनकी महिमा हिंदू धर्म के सभी पवित्र ग्रंथों में गाई गई है। हिंदू धर्म को मानने वाले लोग श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश को मुख्य देवता मानते हैं। लेकिन पवित्र सामवेद संख्या 1400, संख्या 359 अध्याय 4 खंड संख्या 25 श्लोक 8 में यह स्पष्ट है कि कबीर साहिब ही पूर्ण समर्थ भगवान हैं, जो कि मनुष्य को तत्वज्ञान देने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। कबीर साहेब जी विष्णु जी के उपासक नहीं थे बल्कि उनकी वास्तविक जानकारी देते थे कि यह तीन लोक के स्वामी हैं और जन्म मृत्यु के चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं। कबीर साहेब जी ही संपूर्ण सृष्टिकर्ता हैं और श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश उनके आधीन हैं। कबीर साहेब जी सर्वोच्च परमात्मा हैं उनसे ऊपर कोई और अन्य प्रभु नहीं है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने आध्यात्मिक प्रवचनों में प्रमाण सहित बताया है कि कबीर साहेब जी ही पूर्ण परमेश्वर हैं। हम आप जी से निवेदन करते हैं कि आप सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर पर उनके प्रवचनों को सुनिए और धार्मिक शास्त्रों से उनका मिलान करें। अधिक जानकारी के लिए आप “ज्ञान गंगा” पुस्तक को भी पढ़ सकते हैं।