6. माँ दुर्गा ने अपने पुत्र ब्रह्मा को क्यों श्राप दिया था?


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तब माता ने ब्रह्मा से पूछा क्या तुझे तेरे पिता के दर्शन हुए? ब्रह्मा ने कहा हाँ मुझे पिता के दर्शन हुए हैं। दुर्गा ने कहा साक्षी बता। तब ब्रह्मा ने कहा इन दोनों के समक्ष साक्षात्कार हुआ है। देवी ने उन दोनों लड़कियों से पूछा क्या तुम्हारे सामने ब्रह्म का साक्षात्कार हुआ है तब दानों ने कहा कि हाँ, हमने अपनी आँखों से देखा है। फिर भवानी (प्रकृति) को संशय हुआ कि मुझे तो ब्रह्म ने कहा था कि मैं किसी को दर्शन नहीं दूंगा, परन्तु ये कहते हैं कि दर्शन हुए हैं। तब अष्टंगी ने ध्यान लगाया और काल/ज्योति निरंजन से पूछा कि यह क्या कहानी है? ज्योति निंरजन जी ने कहा कि ये तीनों झूठ बोल रहे हैं। तब माता ने कहा तुम झूठ बोल रहे हो। आकाशवाणी हुई है कि इन्हें कोई दर्शन नहीं हुए। यह बात सुनकर ब्रह्मा ने कहा कि माता जी मैं सौगंध खाकर पिता की तलाश करने गया था। परन्तु पिता (ब्रह्म) के दर्शन हुए नहीं। आप के पास आने में शर्म लग रही थी। इसलिए हमने झूठ बोल दिया। तब माता (दुर्गा) ने कहा कि अब मैं तुम्हें शाप देती हूँ।

ब्रह्मा को शाप: -- तेरी पूजा जग में नहीं होगी। आगे तेरे वंशज होंगे वे बहुत पाखण्ड करेंगे। झूठी बात बना कर जग को ठगेंगे। ऊपर से तो कर्म काण्ड करते दिखाई देंगे अन्दर से विकार करेंगे। कथा पुराणों को पढ़कर सुनाया करेंगे, स्वयं को ज्ञान नहीं होगा कि सद्ग्रन्थों में वास्तविकता क्या है, फिर भी मान वश तथा धन प्राप्ति के लिए गुरु बन कर अनुयाइयों को लोकवेद (शास्त्रा विरुद्ध दंत कथा) सुनाया करेंगे। देवी-देवों की पूजा करके तथा करवाके, दूसरों की निन्दा करके कष्ट पर कष्ट उठायेंगे। जो उनके अनुयाई होंगे उनको परमार्थ नहीं बताएंगे। दक्षिणा के लिए जगत को गुमराह करते रहंेगे। अपने आपको सबसे अच्छा मानेंगे, दूसरों को नीचा समझेंगे। जब माता के मुख से यह सुना तो ब्रह्मा मुर्छित होकर जमीन पर गिर गया। बहुत समय उपरान्त होश में आया।

गायत्री को शाप: -- तेरे कई सांड पति होंगे। तू मृतलोक में गाय बनेगी।

पुहपवति को शाप: -- तेरी जगह गंदगी में होगी। तेरे फूलों को कोई पूजा में नहीं लाएगा। इस झूठी गवाही के कारण तुझे यह नरक भोगना होगा। तेरा नाम केवड़ा केतकी होगा। (हरियाणा में कुसोंधी कहते हैं। यह गंदगी (कुरडि़यों) वाली जगह पर होती है।)

इस प्रकार तीनों को शाप देकर माता भवानी बहुत पछताई। {इस प्रकार पहले तो जीव बिना सोचे मन (काल निरंजन) के प्रभाव से गलत कार्य कर देता है परन्तु जब आत्मा (सतपुरूष अंश) के प्रभाव से उसे ज्ञान होता है तो पीछे पछताना पड़ता है। जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चों को छोटी सी गलती के कारण ताड़ते हैं (क्रोधवश होकर) परन्तु बाद में बहुत पछताते हैं। यही प्रक्रिया मन (काल-निंरजन) के प्रभाव से सर्व जीवों में क्रियावान हो रही है।}

हाँ, यहाँ एक बात विशेष है कि निरंजन (काल-ब्रह्म) ने भी अपना कानून बना रखा है कि यदि कोई जीव किसी दुर्बल जीव को सताएगा तो उसे उसका बदला देना पड़ेगा।

दुर्गा को शाप: -- जब आदि भवानी (प्रकृति, अष्टंगी) ने ब्रह्मा, गायत्री व पुहपवति को शाप दिया तो अलख निंरजन (ब्रह्म-काल) ने कहा कि हे भवानी (प्रकृति/अष्टंगी) यह आपने अच्छा नहीं किया। अब मैं (निरंजन) आपको शाप देता हूँ कि द्वापर युग में तेरे भी पाँच पति होंगे। (द्रोपदी ही आदिमाया का अवतार हुई है।) जब यह आकाश वाणी सुनी तो आदि माया ने कहा कि हे ज्योति निंरजन (काल) मैं तेरे वश पड़ी हूँ जो चाहे सो कर ले।


 

FAQs: "माँ दुर्गा ने अपने पुत्र ब्रह्मा को क्यों श्राप दिया था?"

Q.1 किस देवी ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया था?

त्रिदेव जननी ब्रह्मा, विष्णु और शिव की मां देवी दुर्गा जी ने ही अपने ज्येष्ठ पुत्र ब्रह्मा जी को श्राप दिया था।

Q.2 ब्रह्मा जी ने क्या पाप किया था?

देवी दुर्गा द्वारा सूचित किए जाने के बावजूद भी कि ब्रह्म काल किसी को दिखाई नहीं देगा, उसके बाद भी ब्रह्मा ने अपने अव्यक्त पिता को देखने का फैसला किया। उन्होंने चार युगों तक तपस्या की लेकिन अपने पिता को नहीं देख पाए। उसके बाद शर्म के मारे ब्रह्मा ने देवी दुर्गा से झूठ बोला और दावा किया कि उन्होंने अपने अव्यक्त पिता को देखा है। झूठ बोलने का यह कार्य ही ब्रह्मा जी के पाप का कारण था।

Q. 3 देवी दुर्गा ने भगवान ब्रह्मा जी को श्राप क्यों दिया?

देवी दुर्गा ने भगवान ब्रह्मा जी को श्राप दिया था क्योंकि उन्होंने देवी दुर्गा जी से अपने पिता ब्रह्म (काल), जो खुद को छुपाकर रहता है, को देखने के बारे में झूठ बोला था। जबकि ब्रह्म काल ने किसी के सामने अपने असली रूप में न आने की शपथ ली हुई है। ब्रह्मा के झूठ से क्रोधित होकर देवी दुर्गा ने उन्हें पूजनीय न होने का श्राप दे दिया था

Q.4 देवी दुर्गा द्वारा दिए श्राप के कारण ब्रह्मा जी की आज जगत में क्या स्थिति है?

दुर्गा जी द्वारा दिए श्राप के कारण ही ब्रह्मा जी की जगत में पूजा नहीं की जाती है और तो और पूजा और मंदिरों में उनकी कोई विषेश मूर्ति नहीं रखी जाती है। यही कारण है कि वह भगवान विष्णु या भगवान शिव के समान लोकप्रिय देवता भी नहीं हैं।

Q.5 ब्रह्मा जी के झूठ के अन्य गवाह कौन कौन थे?

ब्रह्मा जी के झूठ के अन्य गवाह गायत्री और पुहपवती थे। इन्हीं दोनों देवियों ने ब्रह्मा जी के 'अपने पिता को देखने के' झूठे दावे में सहयोग किया था।

Q.6 देवी दुर्गा जी ने गायत्री और पुहपवती को क्या श्राप दिया?

जब ब्रह्मा जी, गायत्री जी और पुहपवती के झूठ से देवी दुर्गा क्रोधित हो गईं थी, तो उन्होंने गायत्री को कहा था कि तू पृथ्वी पर गाय रूप में जन्म लेगी और तेरे कई बैल पति होंगे। उसके बाद उन्होंने पुहपवती को दलदल में 'केवड़ा केतकी' नाम का फूल बनने का भी श्राप दिया था, जो पूजा में उपयोग के लिए अयोग्य माना जाता है।

Q.7 देवी दुर्गा ने द्रौपदी के रूप में अवतार क्यों लिया?

दुर्गा जी ने ब्रह्मा, गायत्री और पुहपवती को उनके झूठ बोलने पर श्राप दिया था जिसके बाद काल ब्रह्म देवी दुर्गा का पति, दुर्गा जी से बहुत नाराज़ हो गया था और उसी ने दुर्गा जी को श्राप दिया था की तू द्रौपदी के रूप में जन्म लेगी और पांच पतियों की पत्नी बनेगी।

Q.8 क्या ब्रह्मा जी की पूजा संसार में उन्हें शिव जी द्वारा दिए श्राप के कारण नहीं की जाती?

जी नहीं, यह धारणा कि शिव जी के श्राप के कारण ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती, यह एक मिथक है। जबकि सच्चाई तो यह है कि देवी दुर्गा जी ने ब्रह्मा जी को उनके झूठ बोलने के लिए श्राप दिया था, जिसके कारण ही वह संसार में पूजनीय नहीं हैं।


 

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Mahesh

क्या द्रौपदी देवी दुर्गा जी का अवतार थी?

Satlok Ashram

देवी दुर्गा जी ने भगवान ब्रह्मा जी को अपूज्यनीय देवता होने का श्राप दिया था। उसके बाद उन्होंने गायत्री और पुहपवती को भी शाप दिया था। ब्रह्म काल ने जैसे को तैसा का नियम बनाया हुआ है इसीलिए उसने अपनी पत्नी देवी दुर्गा जी को द्वापर युग में द्रौपदी के रूप में जन्म लेने और पांच पतियों की पत्नी बनने का श्राप दिया था। जी हां, यह बात बिलकुल सच है कि द्रौपदी आदि माया दुर्गा जी का ही अवतार थीं।

Utpal Rathore

क्या गायत्री जी भगवान ब्रह्मा जी की पत्नी हैं?

Satlok Ashram

गायत्री जी देवी दुर्गा द्वारा बनाई गई एक लड़की थी , जिसका काम भगवान ब्रह्मा जी को वापस लाने का था। लेकिन जब ब्रह्मा जी अपने पिता ब्रह्म काल को खोजने के लिए ध्यान में बैठे थे जोकि खुद को छुपाकर रहता है, किसी के सामने प्रकट नहीं होता। गायत्री जी तो भगवान ब्रह्मा जी की झूठी गवाह थी। इसके अलावा गायत्री जी एक अलग लड़की है, जबकि देवी सावित्री जी भगवान ब्रह्मा जी की पत्नी है।

Sulekha

क्या यह सही है की भगवान शिव ने ब्रह्मा जी को जगत में पूजनीय न होने का श्राप दिया था?

Satlok Ashram

सूक्ष्मवेद में वर्णित तथ्यों से यह साबित होता है कि नाराज़ देवी दुर्गा जी ने अपने बड़े बेटे भगवान ब्रह्मा जी को उनके द्वारा बोले गए झूठ के कारण पूजा योग्य न होने का श्राप दिया था न की भगवान शिव जी ने।